भोजन करने के वैदिक नियम व सूत्रों के अनुसार, निम्नलिखित नियमों का पालन करना चाहिए:
1-संकल्प (इंटेशन): भोजन करने से पहले एक संकल्प लेना चाहिए। इसका अर्थ है कि मन में स्थापित रूप से तय करें कि भोजन का उद्देश्य क्या है। संकल्प में व्यक्ति को अपना भोजन प्रसाद के रूप में समझना चाहिए, जिससे शरीर और मन को पूज्य बनाने और आहार को देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त हो सके।
2-शुद्धता (प्यूरिटी): भोजन करने से पहले शरीर की और मन की शुद्धता का ध्यान रखना चाहिए। शरीर को नियमित रूप से शौच करना चाहिए और मन को शांत और पवित्र रखने के लिए प्रयास करें।
3-आहार का चयन: वैदिक नियमों के अनुसार, आहार का चयन सात्विक, पवित्र और प्राकृतिक होना चाहिए। अधिक सात्विक आहार जैसे फल, सब्जियां, अनाज, दूध, दालें आदि का सेवन करना चाहिए।
4-समर्पण (सरेंडर): भोजन के समय व्यक्ति को समर्पण का भाव रखना चाहिए। अर्थात व्यक्ति को अपने भोजन को देवी-देवताओं को समर्पित करके खाना चाह
5-अन्न प्रदान: भोजन के समय ध्यान देना चाहिए कि अन्न का प्रदान देवी लक्ष्मी द्वारा हो रहा है।
6-आभ्यास (Regular Practice): वैदिक नियमों में आभ्यास को बड़ा महत्व दिया जाता है। भोजन को नियमित और नियमित विधि के अनुसार करना चाहिए। यह संयम और संयम सदैव बढ़ाएगा।
उपरूकत नियमो का पालन करने से भोजन अमृत समान है।

No comments:
Post a Comment